जब हम स्वास्थ्य की बात करते हैं, और अगर कोई कहता है कि वह बिल्कुल स्वस्थ है, उसे कोई बीमारी नहीं है,तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप स्वस्थ हैं, क्योंकि आपने देखा होगा कि जब भी आप सुबह उठते हैं तो क्या आप खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं या नहीं? क्योंकि यह जरूरी नहीं की अस्वस्थता आपको दिख जाए.
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right way to eat food |
कैसे पहचाने कि हम स्वस्थ हैं?
हमारे शरीर में ऊर्जा होती है. स्वस्थ शब्द संपूर्ण से बना है. और हमारे शरीर, मन और ऊर्जा में संपूर्णता होनी चाहिए .जब यह सारी चीज हमारे शरीर में प्राकृतिक तालमेल में होती हैं, तब सुबह उठते वक्त हमें लगेगा कि हम एकदम से ऊर्जावान, शांत और खुश है. अगर हम ऐसे होते हैं तो समझो हम स्वस्थ हैं.
स्वस्थ रहने के लिए क्या खाएं?
एक सरल और आसान उपाय जो सभी कर सकते हैं.जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकता है. वह यह है कि हम अपने भोजन में कम से कम 50% कच्चा भोजन शामिल करें, मतलब भोजन खुद में ही जीवित हो, जिसमें जीवित कोशिकाएं हो,यह फल हो, सब्जी , सूखी मेवा, कच्चे चने, अंकुरित मूंग दाल, गुड ,मूंगफली इत्यादि .
इस प्रकार का भोजन कच्चा और जीवित कोशिकाओं वाला होता है, क्योंकि जो भी हम भोजन ग्रहण करते हैं आग में पकाकर करते हैं, जिससे भोजन के अंदर के सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं फिर हम यह सोचते हैं की इस तरह के भोजन से हम स्वस्थ रहेंगे,तो ऐसा नहीं है. हमने अभी भोजन किया है वह एक तरह से मरा हुआ भोजन ग्रहण किया है, जिसको खाना और ना खाना बराबर है.
भोजन को पचाने की सभी जरूरी चीजें शरीर में ही नहीं होती, बल्कि भोजन में भी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जोकि पकने के बाद खत्म हो जाते हैं. तब भोजन को पचाने में सिर्फ शरीर को ही मेहनत करनी पड़ती है और खाना खाने के एक से 2 घंटे तक यह शरीर की उर्जा को कम कर देता है, फिर धीरे-धीरे करके कुछ घंटों में शरीर फिर से ऊर्जावान हो जाता है. ऐसा सभी ने रोज खाना खाने के बाद महसूस किया होगा ,कि उनका शरीर आलस भरा हो गया है.
हमारा पाचन चाहे जितना अच्छा हो,फिर भी शरीर वह सारे पोषक तत्व नहीं बना सकता जो कच्चे भोजन में होते हैं, हां !अगर आपकी पाचन प्रक्रिया बहुत अच्छी और मजबूत है तो कुछ ही प्रतिशत पोषक तत्व शरीर बना सकता है.
अगर आप पका हुआ भोजन खाते हैं तो उस भोजन में सिर्फ 40% ही पोषक तत्व होते हैं, बाकी का 60% पोषक तत्व भोजन पकाने में खत्म हो चुके हैं.
लेकिन कर भी क्या सकते हैं हमें ऐसा ही खाना अच्छा लगता है. क्योंकि बहुत सारी सब्जियां ऐसी होती हैं जिसको मजबूरी में पका कर खाना पड़ता है.
बहुत से लोगों के लिए भोजन के अलग अलग मायने हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो भोजन शरीर के लिए एक ईधन की तरह कार्य करता है ,अगर आप अपने शरीर को अच्छा इंधन देंगे तो वह सही तरीके से कार्य करेगा और अगर खराब इंधन डालेंगे तो खराब काम करेगा.
फिर क्यों ना एक प्रयोग किया जाए कि कुछ दिनों तक कच्चा खाना खाकर जरूर देखें. फिर आप देखेंगे कि सुबह उठते समय आप खुद से ही उठ जाएंगे आपको किसी भी अलार्म की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप पहले से अधिक ऊर्जावान और सहज महसूस करेंगे.
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