# कोरोना रिलैक्सेशन क्या सही है और क्या गलत?



जी हां यह सच है कोरोनावायरस मैं सरकार द्वारा मिले रिलैक्सेशन में क्या सही है और क्या गलत इसका पता लगाना मुश्किल है क्योंकि रिलैक्सेशन की वजह से बहुत से लोग खुश हैं ,और बहुत से लोग दुखी.
जैसे-               

1- गरीबों के लिए मिलने वाला राशन जिसको मिलना चाहिए, जिसको इस राशन की आवश्यकता अधिक है उनके पास तक राशन नहीं पहुंच रहा है, और जो राशन खरीदने के लायक हैं उनको दोगुना राशन मिल रहा है. यहां पर किसको सही मानेंगे और किसको गलत नहीं पता?

2- निरंतर मजदूरों का पलायन यह दिखा रहा है, कि उनके पास खाने-पीने, रहने के लिए कुछ भी नहीं है ,उनका कहना है कि मकान मालिक किराया मांगते हैं,जबकि सरकार का कहना है कि जब तक यह वायरस है तब तक यह सब माफ़ है.

3- मकान मालिकों का कहना है कि उन्होंने जो घर किराए पर उठाया है वह घर लोन लेकर खरीदा है .जब सरकार किराया माफ कर रही है तो हर महीने बैंक से आने बाला लोन स्टेटमेंट भी माफ हो जानी चाहिए. अब यहां पर क्या सही है क्या गलत नहीं पता.

4- आए दिन समाचारों से पता चलता है कि कितने सारे लोगों ने करोड़ों करोड़ों रुपयों का दान किया है पर वो पैसा कहां खर्च किया जा रहा है. वह मजदूरों, गरीबों के पास तक तो राहत नहीं पहुंचा पा रहा, उसका सबूत है रोज भूखे मरते हुए लोग. यहां क्या सही है क्या गलत नहीं पता.

5- क्या किसी त्यौहार, वर्षगांठ या किसी के स्वागत में इतना पैसा खर्च किया जाना चाहिए, जितने पैसे से हजारो  गरीबों के पूरे घर का 1 महीने का राशन आ सकता है. यहां क्या सही है, क्या गलत नहीं पता.

6- इतना पैसा इन सभी दिखावटी साज-सज्जा में खर्च किया जाता है अगर वह पैसा देश की आर्थिक व्यवस्था को सही करने में लगा दिया जाए तो शायद हमारे देश में कोई भूखा ना सोए यहां क्या सही है क्या गलत नहीं पता...


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