वृद्ध आश्रम # अनाथ आश्रम


हमारे समाज में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपने बूढ़े मां बाप की देखभाल नहीं कर पाते और उन्हें अपने ऊपर बोझ  समझते हैं, बुढ़ापा तो जैसे एक अभिशाप होता जा रहा है. जिसको जीना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. बहुत सारे पैसे वाले लोग अपने बूढ़े मां बाप के लिए खुद सेवा करने की बजाय नर्स का बंदोबस्त कर देते हैं, वह यह भूल जाते हैं कि, उन्हें नर्स की जरूरत नहीं है, उन्हें अपने बच्चों की जरूरत है. ऐसे बच्चों से यह पूछा जाए की..
क्या वो बच्चे कभी बूढ़े नहीं होंगे?
  
                 

    कहा जाता है कि बच्चे और बूढ़े एक समान होते हैं, इसलिए जब मां बाप बूढ़े हो जाते हैं, तो बच्चे उनको संभाल नहीं पाते और वृद्ध आश्रम में छोड़ आते हैं, जहां वह बुजुर्ग अकेले और उदास रह कर अपना जीवन खत्म कर देते हैं.
     जी हां अकेले! फिर चाहे उनके साथ कितने भी हम उम्र के लोग हो, लेकिन वह अंदर से बहुत अकेलापन महसूस करते हैं, इसी अकेलेपन को दूर किया जा सकता है.
अगर उनके पास छोटे-छोटे बच्चे आ जाए, उनके साथ खेलने के लिए, उनके चेहरे पर हंसी लाने के लिए उन्हें तंग करने के लिए.       
               
old age home,orphanage
old age home

            और ऐसा तभी संभव है जब अनाथ आश्रम और वृद्ध आश्रम को एक कर दिया जाए. तो कोई बुजुर्ग अकेला महसूस नहीं करेगा और कोई अनाथ बच्चा अनाथ नहीं रहेगा,
बुजुर्गों को उनके बच्चे मिल जाएंगे और बच्चों को उनका परिवार.
    अगर मेरा सुझाव पसंद आए तो कमेंट सेक्शन में मुझे जरूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा ऐसे लोगों तक पहुंचाए शायद आपके इस प्रयास से किसी की जिंदगी बदल जाएगी. 
                                                              धन्यवाद

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