एक महिला इंसान तो है ही पर एक देवी भी है

 क्या एक महिला इंसान के साथ-साथ देवी भी है? 


जी हां सही पढ़ा आपने एक महिला इंसान तो है ही पर वह किसी देवी से कम नहीं है. 
     मैंने कुछ दिन पहले bing.com पर एक आर्टिकल पढ़ा था. जिसमें लिखा था, एक महिला को इंसान ही रहने दो, देवी मत बनाओ! उसे तो देवी बनाने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि वह खुद में एक देवी होती है. जब  महिला का जन्म होता है . उसी दिन परिवार में सभी बोलते हैं कि लक्ष्मी का जन्म हुआ है. जब यह बात  भगवान ने खुद साबित की है तो हम कौन होते हैं इसको बदलने वाले .
          जैसे देवी की कोई जाति नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता, कोई वंश नहीं होता, कोई मजहब नहीं होता, उसी तरह एक महिला की भी कोई जाति नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता, कोई वंश नहीं होता, उसे किसी भी जाति में ब्याह दो, किसी धर्म में, किसी मजहब में, वह उसी धर्म की हो जाती है, वह उसी जाति की हो जाती है और उसी वंश की कहलाती है. 
           क्या कभी किसी पुरुष को ऐसा करते हुए सुना है कि वह अपनी पत्नी की जाति को अपनाया है उसके धर्म को अपनाया है,  नहीं!! पर एक महिला शादी करने के बाद अपने पति की जाति, धर्म, वंश, सबको खुशी खुशी अपनाती है.
 तो महिलाओं को देवी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे.


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