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LOrd Buddha |
इसी की सच्चाई को जानने के लिए राजकुमार सिद्धार्थ अपना सारा राजपाठ छोड़कर सत्य की खोज में निकल पड़े.
कई वर्षों तक कठोर तप करने के बाद वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई, और इसी दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. तब से इनको भगवान बुद्ध के नाम से जाना गया और इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से पर्व के रूप में मनाया जाता है.
भगवान बुद्ध से जुड़े 3 श्लोक जाने गए हैं. जो कि इस प्रकार हैं.
बुद्धम शरणम गच्छामि!
धम्मम शरणम गच्छामि!
संघम शरणम गच्छामि.!
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