मां
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happy mothers day |
विश्व में मां को बच्चे कई तरह से पुकारते हैं. माताजी, मम्मी, मां, मॉम, मम्मा, अम्मीकई नामों से बुलाया जाता है लेकिन, किसी भी नाम से पुकारो पर सबकी भावनाएं एक ही होती हैं.
कहा जाता है कि भगवान हर जगह एक साथ नहीं उपस्थित हो सकते इसलिए भगवान ने हर घर में एक मां के रूप में भगवान को भेजा है. यह दिन माई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है.
*तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है,
प्यारी प्यारी है, ओ मां... ओ मां...
कि यह जो दुनिया है, यह वन है कांटो का तो... फुलवारी है. ओ मां.... ओ मां....
लिखने वाले ने भी क्या खूब लिखा है..
सच में इस दुनिया में कांटे रूपी बुरे लोग भरे पड़े हैं लेकिन एक मां ही होती है जिसकी छांव फूलों जैसी प्रतीत होती है.
*दुखन लागी है मां तेरी अखियां,
मेरे लिए जागी है तू, सारी सारी रतिया
मेरी निंदिया पे, अपनी निंदिया भी तूने मारी है....
ओ मां... ओ मां....
एक मां अपने बच्चे को पूरी पूरी रात जागकर सुलाती है, खुद थोड़ी देर के लिए भी नहीं सोती इसलिए कि कहीं उसका बच्चा जग न जाए, और वह अपने बच्चे को देखकर मन ही मन बहुत खुश होती है, और उसको दुआएं देती है. पूरी रात जागने की वजह से उसकी आंखों को जो कष्ट होता है, उसे वह महसूस भी नहीं करती और ऐसे ही अपने बच्चे की पूरी तरह से देखभाल करती है.
*अपना नहीं तुझे सुख-दुख कोई,
मैं मुस्काया तू मुस्काई, मैं रोया तू रोई.
मेरे हंसने पर, मेरे रोने पर, तू बलिहारी है....
ओ मां.... ओ मां...
मां की ममता ऐसी होती है कि उसे अपने बच्चे के आगे कुछ दिखाई ही नहीं देता. मां चाहे कितनी भी बीमार हो फिर भी अपने बच्चे के सामने सब भूल जाती है. उसके लिए तो जब उसका बच्चा खुश होता है तब वह उससे ज्यादा खुश होती है, और जब उसका बच्चा दुखी होता है तब वह उससे ज्यादा दुखी होती है.
मां इस जीवन का इकलौता ऐसा निस्वार्थ रिश्ता है जिसके सामने सारे रिश्ते फीके पड़ जाते हैं.
तो ऐसे रिश्ते को सिर्फ एक ही दिन क्यों उत्सव के रूप में मनाना. मां के लिए तो हर दिन उत्सव का होना चाहिए सिर्फ एक ही दिन नहीं.
मां आपको साल के 365 दिन मुबारक हो.
मां आपको साल के 365 दिन मुबारक हो.
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