कोरोना वायरस अभिशाप या वरदान/ परिवार के लिए समय#family


           
आज के इस व्यस्त और कीमती समय में सब कुछ बहुत तेजी से होने लगा है. आज की नई पीढ़ी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके चलते किसी के पास भी अपनों के लिए ही समय नहीं है, इस व्यस्त जीवन में मां बाप, भाई बहन, नाती पोते, सब इतना बिजी हो गए हैं कि किसी को एक दूसरे के लिए वक्त ही नहीं मिलता.
               
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no time for family

    मां बाप अपनी नौकरी में व्यस्त हो गए हैं, भाई बहन अपना करियर बनाने में और नाती पोते फोन या वीडियो गेम में. सब एक साथ रहते तो है फिर भी एक साथ नहीं होते, मां बाप के पास अपने बच्चों के लिए टाइम नहीं है, बच्चों को अपने मम्मी पापा के लिए टाइम नहीं है, क्या होगा आगे हमारा भविष्य, ऐसे तो लोग सारे रिश्ते को ही भूल जाएंगे, कोई  इन मां-बाप को आईना दिखाए कि उन्हें अपने बच्चों को भी टाइम देना चाहिए.
               

 बच्चों को कौन बताएगा कि वीडियो गेम और मोबाइल फोन से भी बाहर एक खूबसूरत दुनिया है, वैसे तो  यह देखा जाए  की यह कोरोना महामारी बहुत ही भयंकर है लेकिन इस महामारी की वजह से एक घर-घर बन पाया है क्योंकि घर के सभी सदस्य  घर में ही है क्योंकि इस बीमारी की वजह से लोग बाहर जाने से डरते हैं इसलिए बच्चों को अपनी मम्मी पापा के प्यार के बारे में पता चला है की मम्मी पापा बच्चों के जीवन का कितना अहम हिस्सा है,और मम्मी पापा को भी लगता है कि उन्हें अपने बच्चों के साथ वक्त गुजारना चाहिए और जिस घर में दादी दादू हैं तो उनको अपने नाती पोतों के साथ वक्त गुजारने का अवसर प्राप्त हुआ है.
                 
family times
family times

 बढ़ती दूरियां कम हुई है, आपसी मतभेद दूर हुए हैं.
 धन्यवाद भगवान! जो आपने परिवार को एक करने का मौका दीया, चाहे कोरोनावायरस का बहाना ही सही. बस भगवान से यही दुआ है कि इस वायरस को भी जल्दी से जल्दी जड़ से खत्म करें.
           


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