हाउसवाइफ |घरेलू महिला| घरेलू पत्नी (Housewife | Household Women | Home wife)

 Housewife

           
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एक महिला जो एक हाउसवाइफ है, जिसको सब नजरअंदाज करते हैं जैसे किसी समारोह में चार से पांच महिलाएं इकट्ठे होती है और उनसे पूछा जाता है कि आप क्या करती हैं और उसमें से एक महिला बोलती है कि वह हाउसवाइफ है और बाकी की महिलाएं जॉब करती हैं या किसी का कारोबार है तो जो महिला हाउसवाइफ है उसको बोलते हैं ओह!!!... 
आप हाउसवाइफ है...... फिर क्या फिर उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता जैसे मानो उसका कोई वजूद ही नहीं उसकी कोई पहचान ही नहीं...
आप जानते हैं कि हाउसवाइफ करती क्या है..
एक सर्वे के अनुसार एक हाउसवाइफ की दिनचर्या के बारे में जानेंगे...
रोज सुबह 5:00 बजे उठकर पूरे परिवार के लिए नाश्ता बनाना फिर जो लोग बाहर नौकरी के लिए जाते हैं उनके लिए लंच तैयार करना फिर उसे लंच बॉक्स में पैक भी करना, उसके बाद बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना और स्कूल छोड़ने जाना या स्कूल बस तक छोड़ने जाना, अरे... यह क्या अपने पूरे परिवार को नाश्ता देने के साथ-साथ दोपहर के लिए खाना भी पैक कर के दीया है और खुद उस महिला ने अभी तक कुछ भी नहीं खाया, खाएगी कहां से टाइम ही नहीं मिला.. अब जाकर उसको एक कप चाय की नसीब हुई है..
बस इतने में ही उसका काम खत्म नहीं होता है अभी तो काम शुरू हुआ है... सारे लोग नौकरी के लिए जो गए हैं पूरा घर बिखेर  कर गए हैं अभी उसको भी समेटना है, किचन साफ करनी है  बर्तन साफ करने हैं घर की साफ सफाई करनी है  झाड़ू पोछा कपड़े सब करना है और अगर घर में कोई बड़ा बुजुर्ग है तो उनकी भी देखभाल करनी है, उसके बाद नहा धोकर खाना खाना है, इतने में बच्चों के स्कूल से आने का टाइम हो जाता है फिर उनको स्कूल बस से लेकर आना उनको चेंज करवाना उनको खाना खिलाना उनका होमवर्क करवाना और अगर बच्चे जिद करने लगे फिर उनके साथ खेल में खेलना भी होता है, इतने में उनके ट्यूशन का टाइम हो जाता है फिर उनको ट्यूशन के लिए छोड़ने जाना ट्यूशन मैं बच्चों को छोड़ने के बाद घर आकर धोए हुए कपड़ों को लेकर आना उन पर प्रेस करना और उनको अलमारी में लगाना फिर बच्चों के आने का टाइम हो जाता है बच्चों को लेकर आना फिर घर आकर देखती है कि जो लोग 9:00 से 5:00 की ड्यूटी के लिए गए थे वह सब घर वापस आ चुके हैं, अब उनके लिए शाम का नाश्ता बनाना फिर तुरंत ही डिनर की तैयारी करना यह सब करते करते 7:00 बज जाते हैं डिनर तैयार करना खाना खाना बर्तन साफ करके किचन साफ करते-करते 10:00 बज जाते हैं. अभी यहां उसका काम खत्म नहीं हुआ  अब वह सोचती है कि कल सुबह के नाश्ते में और  खाना में क्या बनाऊं, तो कल सुबह के नाश्ता और खाना की भी तैयारी करके वह रात में में ही रखती है .अब आप ही बताइए उस महिला को 5 मिनट अपने लिए मिले या नहीं, पूरे दिन जो घर को संभालने में लगी रहती है क्या वह थकती नहीं है क्या उसको यह नहीं याद आता है कि वह भी एक इंसान है,  वह भी थकती होगी, लेकिन नहीं, सारा दिन वह खुशी-खुशी अपने घर को संभालती है, उसके मुंह से आह तक नहीं निकलता.
पूरे दिन घर को संभालने वाली महिला सिर्फ हाउसवाइफ ही है यह कैसे संभव है. अरे हाउसवाइफ को नजरअंदाज करने वालों जरा सोचो अगर यह हाउसवाइफ ना हो तो शायद यह कोई नहीं कहता कि घर एक स्वर्ग होता है, क्योंकि घर को स्वर्ग बनाने वाली हाउसवाइफ ही होती है अगर यह हाउसवाइफ नहीं होंगी तो घर-घर नहीं होगा नरक बन जाएगा.
मत करो इन हाउस वाइफ को नजरअंदाज उनकी इज्जत करो, सम्मान दो उन्हें ना कि यह कहकर टाल दो अरे.. यह तो ऐसे ही हैं....

और मेरा सभी हाउसवाइफ को शत शत नमन है कि वह घर को मंदिर की तरह साफ और स्वच्छ रखती हैं.
           
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                                              धन्यवाद


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