भूकंप क्या है?
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Eirthquake |
लेकिन हम सब यह कैसे माने.हमने ना तो शेषनाग को देखा है, ना व्हेल मछली को, और ना मेंढक को देखा है. आखिर
अभी तक के सबसे तेज़ भूकंप
डेट | लोकेशन | Magnitute |
मई 22, 1960 | वाल्डिविआ , चिली | 9.4–9.6 |
मार्च 27, 1964 | प्रिंस विलियम साउंड , अलास्का , यूनाइटेड स्टेट्स | 9.2 |
दिसंबर 26, 2004 | इंडियन ओसियन , सुमात्रा , इंडोनेशिया | 9.1–9.3 |
मार्च 11, 2011 | पसिफ़िक ओसियन , जापान | 9.1 |
जुलाई 8, 1730 | वल्परईसो , चिली | 9.1–9.3 |
नवंबर 4, 1952 | कमचटका , रुस्सियन सफसर , सोवियत यूनियन | 9.0 |
यह धरती क्यों कांपती है?इसके लिए वैज्ञानिकों ने क्या जवाब ढूंढा है?
धरती का कांपना या भूकंप! यह सवाल पृथ्वी की संरचना से जुड़ा है. विभिन्न वैज्ञानिक खोजों के कारण आज सब जान जाते हैं कि पृथ्वी की अनेक परते हैं. पृथ्वी की सतह के नीचे करीब 100 किलोमीटर तक का भाग सख्त है.उसके नीचे करीब 200 किलोमीटर तक का भाग लचीला और नरम है. इसके नीचे वाले भाग को मेंटल कहा जाता है.
छोटे भूकंप क्या है? और यह कैसे आते हैं?
सख्त भाग का ऊपरी हिस्सा पृथ्वी की सतह है .इसे भू पृष्ठ कहते हैं. यह पृष्ठ 7 बड़े और कुछ छोटे टुकड़ों में बटा है. इन टुकड़ों को प्लेट कहा जाता है .हर प्लेट सिर्फ जमीन,सिर्फ समुद्र, या फिर दोनों से ही मिलकर बनी है.यह सभी प्लेट निचले भाग में सरकती रहती है ,सरकने के दौरान यह आपस में टकराती भी है.इनके टकराने से धरती का कांपती है .और फिर कभी कभी प्लेटो के जोड़ पर नए पहाड़ उमड़ आते हैं, या कहिए समुद्र का पाट चौड़ा हो जाता है. यह वृद्धिया लगातार चलती रहती हैं.दूसरी तरफ धरती के नर्म भाग में कुछ विशेष गुणधर्म वाले खनिज लगातार ऊष्मा छोड़ते रहते हैं .इससे ऊष्मा की संवहन धाराएं बढ़ती है, इन धाराओं की वजह से भी प्लेट एक दूसरे से रगड़ जाती हैं, या टकराती है,इससे प्लेटो की चट्टानों में दबाव पैदा होता है. जब दबाव अधिक हो जाता है तो चट्टानें टूटने लगती हैं, टूट कर यह चट्टाने अपने लिए जगह बनाती हैं, और इस दवाब को आसपास के इलाकों में बांट देती हैं. यह दबाव छोटे भूकंप के रूप में बहुत तबाही लाता है.
अब सवाल आता है कि-
क्या भूकंप के बारे में वैज्ञानिकों द्वारा की गई भविष्यवाणी सही है?
भारत का अधिकांश भाग जिस प्लेट पर है ,उसे भारत ऑस्ट्रेलियाई प्लेट कहा जाता है. इस प्लेट के नीचे करीब 600000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र ज्वालामुखी के लावे से ढका है.इसे ढक्कन ट्रेप कहते हैं. इस ट्रेप के लावे में विभिन्न क्रियाओं से बनने वाली गैसों का दबाव जब प्लेटों पर पड़ता है तब भूकंप आता है. और जब यह दबाव ज्यादा हो जाता है तब बड़ा भूकंप आता है. पर कहा नहीं जा सकता की भूकंप कब आ जाए. वैज्ञानिक पहले से ही चेतावनी दे देते हैं, लेकिन भूकंप आने का पक्का अनुमान लगाना अभी तक पूरी तरह संभव नहीं हो पाया है.भूकंप को कैसे नापा जाता है?
भूकंप नापने के लिए एक पैमाना होता है.जिसे रिएक्टर स्केल कहते हैं .वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप के दौरान पृथ्वी के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता को मापा जाता है, इस तीव्रता से अंदाज लगाया जाता है कि भूकंप कितना बड़ा होगा या कितना छोटा.सबसे खतरनाक भूकंप कौन से होते हैं?
वैज्ञानिकों के अनुसार 5 या उससे कम तीव्रता वाले भूकंप छोटे होते हैं. इनमें थोड़ी कम हानि होती है ,लेकिन अगर बहुमंजिला इमारत भूकंप रोधी तकनीकी से नहीं बनी होगी, तो पांच की तीव्रता वाला भूकंप भी बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.5 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप जैसे 5.1,2,3.... से लेकर 9.1,2,3....... के बीच बाली तीव्रता या इससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप बहुत खतरनाक और डराने वाले हो जाते हैं. इस तीव्रता वाले भूकंप से बहुत हानि होती है .
क्योंकि यह भूकंप बहुत शक्तिशाली होते हैं.
बड़े भूकंप से होने वाली हानि से कैसे बचें
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अचानक आए भूकंप से कैसे बचा जाए?
*जब भी भूकंप आए तो ज्यादा अच्छा रहेगा कि घर से बाहर खुली और समतल जगह पर भाग जाएं.* अगर आप किसी वजह से घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं ,तो अपने घर की किसी भी मजबूत जगह के नीचे छिप जाए ,या घर के मजबूत कोने में खड़े हो जाएं इससे आपका सर सुरक्षित रहेगा.
* अगर आपके घर में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां आप सके तो आप अपने घर की छत पर चले जाएं, ऐसा करने से आपके ऊपर कोई भी भारी चीज नहीं गिरेगी.
Delhi me kabhi kabhi dar lagta hai because yaha sabhi ghar 3 storey hai kabhi koi bada bhukamp aaya to na jane kya hoga. Yaha to bhaagne ka bhi mauka nahi milega
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